साल 2026 से भारत में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा बदलाव (Big Change) किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय और CBSE सहित कई राज्य बोर्डों ने मिलकर परीक्षा प्रणाली में नए नियम लागू करने का फैसला लिया है। इस बार न सिर्फ पेपर पैटर्न बदलेगा बल्कि कॉपी जांच, रिजल्ट मूल्यांकन और ग्रेस मार्क्स सिस्टम में भी अहम सुधार किए गए हैं।
ये बदलाव छात्रों पर पढ़ने के दबाव को कम करने और शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
क्या है नया नियम 2026 से?
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 2026 से बोर्ड परीक्षा की प्रणाली पूरी तरह से Competency Based Evaluation System पर आधारित होगी। यानी अब छात्रों की रटने की क्षमता नहीं, बल्कि Concept Understanding और Practical Knowledge की जांच होगी।
इसके अलावा, अब छात्रों को एक ही बार नहीं बल्कि साल में दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, ताकि अगर पहली बार प्रदर्शन अच्छा न हो तो दूसरी बार मौका मिल सके।
साल में दो बार बोर्ड परीक्षा
नई नीति के तहत छात्र अब दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे —
- पहली बार: मार्च में
- दूसरी बार: अक्टूबर-नवंबर में
छात्र अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी परीक्षा का परिणाम मान्य करा सकेंगे। यह बदलाव NEP 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत किया जा रहा है ताकि छात्रों पर एक बार में पूरे साल की मेहनत का दबाव न रहे।
पेपर पैटर्न में बड़ा बदलाव
CBSE और राज्य बोर्डों ने 2026 से प्रश्नपत्र के स्वरूप में भी बड़ा बदलाव किया है —
- 40% प्रश्न Competency Based (Conceptual & Application Type) होंगे।
- 30% प्रश्न Multiple Choice (MCQs) होंगे।
- 30% प्रश्न Descriptive (लंबे उत्तर वाले) होंगे।
इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को सिर्फ याद करने की बजाय समझने और प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना है।
कॉपी जांच में डिजिटल सिस्टम
अब बोर्ड कॉपियों की जांच AI आधारित डिजिटल स्कैनिंग सिस्टम से की जाएगी।
हर उत्तर पुस्तिका को स्कैन किया जाएगा और मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को एक यूनिक कोड के माध्यम से दिया जाएगा, ताकि भेदभाव या मानवीय त्रुटि की संभावना न रहे।
CBSE ने इस नई प्रणाली को “Smart Evaluation Process” नाम दिया है।
ग्रेस मार्क्स और री-चेकिंग नियम में सुधार
2026 से ग्रेस मार्क्स सिस्टम भी पारदर्शी बनाया गया है। अब बोर्ड छात्रों को फेल होने से बचाने के लिए ग्रेस मार्क्स तभी देगा जब वे सभी विषयों में न्यूनतम अंकों के करीब हों।
री-चेकिंग के लिए अब छात्रों को ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर कॉपी का डिजिटल व्यू देखने का विकल्प मिलेगा। इससे छात्र खुद देख पाएंगे कि उनके अंक सही तरीके से दिए गए हैं या नहीं।
रिजल्ट और मार्कशीट में बदलाव
अब बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में केवल सब्जेक्ट वाइज अंक ही नहीं बल्कि Skill Level Score भी दर्शाया जाएगा।
यानी छात्र को यह भी बताया जाएगा कि उसने किन कौशलों (Critical Thinking, Communication, Application Skills आदि) में अच्छा प्रदर्शन किया है।
नई डिजिटल मार्कशीट में QR Code होगा, जिससे कोई भी संस्थान या नियोक्ता तुरंत रिजल्ट की वैधता जांच सकेगा।
छात्रों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
अधिकांश छात्रों ने इस बदलाव का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे एक ही परीक्षा का डर खत्म होगा और पढ़ाई का फोकस “रटने” से हटकर “सीखने” पर आएगा।
वहीं, शिक्षकों का कहना है कि नए सिस्टम में उन्हें भी आधुनिक तकनीक का उपयोग सीखना होगा, लेकिन इससे शिक्षा का स्तर और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
Board Exam New Rule 2026 भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आया है। यह बदलाव न सिर्फ छात्रों के लिए राहत भरा है बल्कि पूरे मूल्यांकन तंत्र को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाएगा।
अब परीक्षा का मतलब केवल नंबर लाना नहीं होगा, बल्कि यह तय करेगा कि छात्र ने क्या सीखा और कितना समझा।
आने वाले सालों में यह नई प्रणाली भारत की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूत बनाएगी।Board Exam 2026, CBSE New Rule, Education Policy 2026, Competency Based Exam, Board Result Change, New Education System, NEP 2020, School Education News, CBSE Update, Students News India